मंगलवार को रुपये (Rupee) में मजबूती के साथ शुरुआत हुई। आज डॉलर (dollar) के मुकाबले रुपया 8 पैसे की मजबूती के साथ 70.45 रुपये के स्तर पर खुला। वहीं सोमवार को डॉलर (dollar) के मुकाबले रुपया (rupee) 62 पैसे टूटकर 70.53 रुपये के स्तर पर बंद हुआ।
-सोमवार को डॉलर (dollar) के मुकाबले रुपया (rupee) 62 पैसे टूटकर 70.53 रुपये के स्तर पर बंद हुआ।
-शुक्रवार को डॉलर (dollar) के मुकाबले रुपया (rupee) 3 पैसे मजबूत होकर 69.91 के स्तर पर बंद हुआ।
-गुरुवार को डॉलर (dollar) के मुकाबले रुपया (rupee) 23 पैसे टूटकर 69.94 के स्तर बंद हुआ था।
-बुधवार को डॉलर (dollar) के मुकाबले रुपया (rupee) 29 पैसे टूटकर 69.71 के स्तर बंद हुआ है।
-मंगलवार को डॉलर (dollar) के मुकाबले रुपया (rupee) 2 पैसे टूटकर 69.43 के स्तर पर बंद हुआ।
-शुक्रवार को डॉलर (dollar) के मुकाबले रुपया (rupee) 15 पैसे बढ़कर 69.22 के स्तर पर बंद हुआ था।
-गुरुवार को डॉलर (dollar) के मुकाबले रुपया (rupee) 20 पैसे बढ़कर 69.36 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था।
-मंगलवार को डॉलर (dollar) के खिलाफ रुपया (rupee) 45 पैसे की बढ़त के साथ 69.56 के स्तर पर बंद हुआ है।
-शुक्रवार को डॉलर (Dollar) के मुकाबले रुपया (rupee) 24 पैसे बढ़कर 70.01 के स्तर पर बंद हुआ।
रुपये (Rupee) की कीमत पूरी तरह इसकी मांग एवं आपूर्ति पर निर्भर करती है। इस पर आयात एवं निर्यात का भी असर पड़ता है। दरअसल हर देश के पास दूसरे देशों की मुद्रा का भंडार होता है, जिससे वे लेनदेन यानी सौदा (आयात-निर्यात) करते हैं। इसे विदेशी मुद्रा भंडार कहते हैं। समय-समय पर इसके आंकड़े रिजर्व बैंक की तरफ से जारी होते हैं। विदेशी मुद्रा भंडार के घटने और बढ़ने से ही उस देश की मुद्रा पर असर पड़ता है। अमेरिकी डॉलर (dollar) को वैश्विक करेंसी का रुतबा हासिल है। इसका मतलब है कि निर्यात की जाने वाली ज्यादातर चीजों का मूल्य डॉलर में चुकाया जाता है। यही वजह है कि डॉलर के मुकाबले रुपये (Rupee) की कीमत से पता चलता है कि भारतीय मुद्रा मजबूत है या कमजोर। अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी इसलिए माना जाता है, क्योंकि दुनिया के अधिकतर देश अंतर्राष्ट्रीय कारोबार में इसी का प्रयोग करते हैं। यह अधिकतर जगह पर आसानी से स्वीकार्य है।
भारत अपनी जरूरत का करीब 80% पेट्रोलियम उत्पाद आयात करता है। डालर (dollar) के मुकाबले रुपये (Rupee) में गिरावट से पेट्रोलियम उत्पादों का आयात महंगा हो जाएगा। इस वजह से तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के भाव बढ़ा सकती हैं। डीजल के दाम बढ़ने से माल ढुलाई बढ़ जाएगी, जिसके चलते महंगाई बढ़ सकती है। इसके अलावा, भारत बड़े पैमाने पर खाद्य तेलों और दालों का भी आयात करता है। रुपये (Rupee) की कमजोरी से घरेलू बाजार में खाद्य तेलों और दालों की कीमतें बढ़ सकती हैं।
Get more details here:-
Intraday stock tips, Financial Advisory Company ,Derivative Free Trial,Stock tips
* Investment & Trading in securities market is always subjected to market risks, past performance is not a guarantee of future performance.
Intraday stock tips, Financial Advisory Company ,Derivative Free Trial,Stock tips
* Investment & Trading in securities market is always subjected to market risks, past performance is not a guarantee of future performance.
Call on:9977499927
No comments:
Post a Comment