विदेश मुद्रा बाजार (Forex Market) में डॉलर (dollar) के मुकाबले सोमवार को रुपये (Rupee) की शुरुआत मजबूती के साथ हुई। डॉलर के मुकाबले रुपया (Rupee) आज 18 पैसे की बढ़त के साथ 71.00 के स्तर पर खुला है। हालांकि पिछले कारोबारी दिन यानि शुक्रवार को रुपये (Rupee) में कमजोरी आई थी। शुक्रवार को डॉलर (dollar) के मुकाबले रुपया 12 पैसे टूटकर 71.18 के स्तर पर बंद हुआ था।

विदेशी मुद्रा बाजार (Forex Market) में बीतों 10 दिनों का हाल
-शुक्रवार को रुपये (Rupee) डॉलर (dollar) के मुकाबले 11 पैसे टूटकर 71.18 के स्तर पर बंद हुआ है।
-गुरुवार को रुपया (Rupee) 27 पैसे बढ़कर 71.07 के स्तर पर बंद हुआ।
-बुधवार को रुपया (Rupee) 10 पैसे की बढ़त के साथ 71.34 के स्तर पर बंद हुआ।
-मंगलवार को रुपया (Rupee) 16 पैसे घटकर 71.44 के स्तर पर बंद हुआ।
-रुपया (Rupee) सोमवार को 10 पैसे कमजोर होकर 71.28 के स्तर पर बंद हुआ है।
-शुक्रवार को रुपया (Rupee) 14 पैसे कमजोर होकर 71.18 के स्तर पर बंद हुआ है।
-रुपये गुरुवार को 20 पैसे बढ़कर 71.05 के स्तर पर बंद हुआ है।
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रुपया (Rupee) बुधवार को 20 पैसे टूटकर 71.24 के स्तर पर बंद हुआ।
-रुपया (Rupee) मंगलवार को 11 पैसे टूटकर 71.04 के स्तर पर बंद हुआ।
-रुपया (Rupee) सोमवार को 43 पैसे टूटकर 70.93 के स्तर पर बंद हुआ
क्यों होता है रुपया कमजोर या मजबूत
विदेश मुद्रा बाजार (Forex Market) में रुपया (Rupee) की कीमत पूरी तरह इसकी मांग एवं आपूर्ति पर निर्भर करती है। इस पर आयात एवं निर्यात का भी असर पड़ता है। दरअसल हर देश के पास दूसरे देशों की मुद्रा का भंडार होता है, जिससे वे लेनदेन यानी सौदा (आयात-निर्यात) करते हैं। इसे विदेशी मुद्रा भंडार कहते हैं। समय-समय पर इसके आंकड़े रिजर्व बैंक की तरफ से जारी होते हैं। विदेशी मुद्रा भंडार के घटने और बढ़ने से ही उस देश की मुद्रा पर असर पड़ता है। अमेरिकी डॉलर (dollar) को वैश्विक करेंसी का रुतबा हासिल है। इसका मतलब है कि निर्यात की जाने वाली ज्यादातर चीजों का मूल्य डॉलर (dollar) में चुकाया जाता है। यही वजह है कि डॉलर के मुकाबले रुपया (Rupee) की कीमत से पता चलता है कि भारतीय मुद्रा मजबूत है या कमजोर। अमेरिकी डॉलर (dollar) को वैश्विक करेंसी इसलिए माना जाता है, क्योंकि दुनिया के अधिकतर देश अंतर्राष्ट्रीय कारोबार में इसी का प्रयोग करते हैं। यह अधिकतर जगह पर आसानी से स्वीकार्य है।
आप पर क्या असर
विदेश मुद्रा बाजार (Forex Market) में रुपये की घटती बढ़ती वैल्यू के देश का नुकसान और फायदा होता है। भारत अपनी जरूरत का करीब 80% पेट्रोलियम उत्पाद आयात करता है। रुपया (Rupee) में गिरावट से पेट्रोलियम उत्पादों का आयात महंगा हो जाएगा। इस वजह से तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के भाव बढ़ा सकती हैं। डीजल के दाम बढ़ने से माल ढुलाई बढ़ जाएगी, जिसके चलते महंगाई बढ़ सकती है। इसके अलावा, भारत बड़े पैमाने पर खाद्य तेलों और दालों का भी आयात करता है। रुपया (Rupee) की कमजोरी से घरेलू बाजार में खाद्य तेलों और दालों की कीमतें बढ़ सकती हैं।
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